
आर्यव्रत न्यूज़,जयपुर :- सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राजस्थान सरकार ने प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग की अंतिम वर्ष की परीक्षाएं करवाने का फैसला लिया. प्रदेश की करीब सभी यूनिवर्सिटीज ने अंतिम वर्ष का टाइम टेबल भी जारी कर दिया है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के अभ्यर्थी लगातार ओपन बुक एग्जाम पैटर्न और ऑनलाइन एग्जाम के समर्थन को लेकर सरकार से मांग कर रहे हैं.
परीक्षार्थियों का कहना है कि बढ़ते कोरोना संकट में परीक्षा केंद्र तक पहुंचना एक चुनौती होगी. साथ ही बीमारी के बढ़ने का भी खतरा है. इसको लेकर उच्च शिक्षा मंत्री सहित यूनिवर्सिटीज के कुलपतियों को ज्ञापन सौंपा जा चुका है. इसके साथ ही कई राज्य जो इस पैटर्न को फॉलो कर रहे हैं उनका उदाहरण भी रखा है, लेकिन विद्यार्थियों की इस मांग को तकनीकी और संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने सिरे से खारिज किया है.
मंत्री सुभाष गर्ग ने कहा कि “परीक्षाएं ऑफलाइन मोड पर ही आयोजित होनी चाहिए. यदि ओपन बुक एग्जाम पैटर्न या ऑनलाइन एग्जाम करवाना था ही तो फिर परीक्षाओं को लेकर इतना हल्ला मचाने की जरूरत नहीं थी. विद्यार्थियों को प्रमोट ही कर दिया जाना चाहिए था. राजस्थान सरकार ने विद्यार्थी हित को ध्यान में रखते हुए सभी विद्यार्थियों को प्रमोट करने का फैसला लिया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा आयोजन का फैसला लिया और सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का हम सम्मान करते हैं. राजस्थान सरकार ने कोरोना में हुई सभी परीक्षाओं में विशेष ध्यान रखा. जहां 10वीं और 12वीं बोर्ड के करीब 20 लाख परीक्षार्थी परीक्षा में बैठे, तो वहीं अब पूरक परीक्षाओं में भी एक लाख से ज्यादा परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे हैं. इसके साथ ही पिछले दिनों हुई अन्य परीक्षाओं में भी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया है. परीक्षार्थियों को अपनी परीक्षा की तैयारी करनी चाहिए. सभी विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार पर है और सरकार अपना काम बखूबी निभा रही है.